सुना है कल याद किया था किसी ने मुझे

सुना है कल याद किया था किसी ने मुझे,
ये मोहब्बत है या कुछ और
बताना मुश्किल है…

हिचकी भी आयी थी एक बार
मां से जिक्र भी किया था,
मां भी निकली सयानी
बोली कम कम ही निवाला डाला कर
गले में रोटी अंदर को फंस आयी है
पानी से ही चली गयी थी
या था कुछ और
ये बताना मुश्किल है…

सुना है कल याद किया था किसी ने मुझे,
ये मोहब्बत है या कुछ और
बताना मुश्किल है…

एहसास भी हुआ था एक बार मुझे,
कुछ है जो कर रही परेशां,
किसी ने कहीं याद तो नहीं किया मुझे,
पल पल कर दिन गुजरा उस गर्मी का
ये उमस थी या कुछ और
बताना मुश्किल है

सुना है कल याद किया था किसी ने मुझे,
ये मोहब्बत है या कुछ और
बताना मुश्किल है…

चांदनी रात और छत का वो नजारा,
ये गलतफहमी थी या हक़ीक़त
लेकिन फिर उमड़ी थी दोबारा
किसी ने दिया था पानी
खाना भी खा लिया था
लेकिन पानी की एक घूंट ने
जैसे जान ही ले लिया था
भाभी ने कहा पानी का सरकना तो
किसी के याद करने की निशानी है
कौन है वो किसकी ये कहानी है
ये हक़ीक़त थी या कुछ और
बताना मुश्किल है…

सुना है कल याद किया था किसी ने मुझे,
ये मोहब्बत है या कुछ और
बताना मुश्किल है…

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