काश तू ऐसी होती…
हंसती, मुस्कुराती,
मेरा हर एक गम
यु ही मिटाती,
इस हरियाली में हवाओं सी
खुश्बुओं के जैसी होती,
काश तू ऐसी होती…
मैं हँसते – हँसते जब यूँ ही
मायूस हो जाता हूँ, थका सा – हारा सा
जाने कहाँ खो जाता हूँ ,
तू एक दुआ होती उस वक्त रात के जुगनुओं के जैसी होती,
काश तू ऐसी होती…
जब मुश्किलों के थपेड़ों में,
मैं डूबा होउ
तूफानों के अंधेरों में,
जब किसी खास की तलाश हो,
किसी के न मिलने की आश हो,
काश! ये सब कुछ बेअसर होता
जब तू सामने होती,
काश तू ऐसी होती…
काश तू ऐसी होती…
हंसती, मुस्कुराती,
मेरा हर एक गम
यु ही मिटाती,
इस हरियाली में हवाओं सी
खुश्बुओं के जैसी होती,
काश तू ऐसी होती…
अन्य मिलते-जुलते स्रोत: –
- व्यस्त संसार में व्यक्तिगत जीवन
- कौन कहता है मैं अकेला हूँ
- कल फिर गुजरा था उस गली से
- हवा का झोंका है ये ज़िन्दगी
- क्या होता कहीं तू यूँ ही रूठ जाती
- सुना है कल याद किया था किसी ने मुझे
- लगता है यूं ही कुछ खोया सा है
- तू अच्छी है सच्ची है लेकिन बोलती बहोत है
- मेरी और तुम्हारी कहानी कुछ यूं रही
- दरिया से होते हुए समंदर में: एक ख्वाब -1
- प्रेम: ईर्ष्या दिल का (हां हो रही है जलन मुझे)
- ख्वाब में एक ख्वाब: एक ख्वाब -2
- एक अजनबी लड़की