कल फिर गुजरा था उस गली से
कल फिर गुजरा था उस गली सेजहाँ वर्षों पहले कुछ यादें छोड़ आया था,कुछ जुस्तजू, कुछ चाहतसब कुछ जोड़ आया था..कल फिर गुजरा था उस गली सेजहाँ वर्षों पहले कुछ यादें छोड़ आया था… वो वादियाँ वो मस्तियाँ आज भी याद हैंवो हाथों में हाथें डालेखेतों में सरसों की वो फुलझड़ियां,नदी का वो किनाराआज भी […]
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