एहसास जरिया है
प्यार के महसूस होने का
एक के बिना दूजा
वैसे ही अधूरा होता है।
एहसास किसके साथ
कैसे और कितना हुआ
ये तो एक
अलग बात है
पर जो भी हो उसकी
एक पहुंच हो
बस यही एक
सलग बात है
एहसास बस एक
एहसास होता है
अपने हर बच्चे के लिए
माँ का प्यार खास होता है
एक हो या सौ
बच्चे बाँट नहीं पाते
उसके प्यार के एहसास को
आंक नहीं पाते
माँ और बाप दोनों के लिए
हर एक बच्चे का प्यार भी
पूरा-पूरा होता है
एक के बिना दूजा
वैसे ही अधूरा होता है
अब क्या मैं उस एहसास को
तोड़ सकता हूँ
पानी की तरह पूरा-पूरा
जोड़ सकता हूँ?
हाँ शायद उस एहसास को
पानी बनाना पड़ेगा
जब जहाँ से
जैसे निकले
पूरा बहाना पड़ेगा
दरिया इस एहसास का
अब न कम होगा
जब जहाँ जैसे पड़े
अमृत-बून्द भरा
मन होगा।